इमरान खान के हीकीकी आजादी मार्च की वजह से पाकिस्तान में लग सकता है मार्शल लॉ
Pakistan Martial Law: पाकिस्तान की राजनीति में इस वक्त तूफान आया हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद तक हकीकी आजादी मार्च निकाल रहे हैं और लोगों को असल आजादी दिलाने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान को असल आजादी नहीं मिली है। इमरान खान के इस मार्च में बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो वो लगातार ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं। उनका आजादी मार्च 4 नवंबर को इस्लामाबाद पहुंचने वाला है। जिसमें 15 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। अपने आजादी मार्च में इमरान खान लगातार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच भीड़ के बेकाबू होने के डर के चलते देश में सेना की तैनाती की बातें कही जा रही हैं।
इमरान खान ने कहा है कि उन्हें मार्शल लॉ से बिल्कुल भी डर नहीं लगता है। उनका यह बयान एक मैगजीन में किए गए इस दावे के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि देश में छह महीने के लिए सैन्य शासन लगाया जा सकता है। इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) इस समय राजधानी इस्लामाबाद में हकीकी आजादी मार्च का आयोजन कर रही है। जिसमें देशभर से लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। इस प्रदर्शन ने पाकिस्तान की शाहबाज सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
मुशर्रफ के समय भी नहीं थी ऐसी स्थिति
इमरान का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उनसे मार्शल लॉ से जुड़ा सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में इमरान ने कहा कि अगर उन्हें मार्शल लॉ लगाना है तो लगा दें, मुझे क्या डरा रहे हैं। इमरान ने कहा कि आज जो स्थिति है, वह पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ के मार्शल लॉ में भी ये नहीं हो रहा था, जो अभी हो रहा है। इमरान ने कहा है कि देश की सरकार अपनी पसंद से देश चलाने की कोशिश कर रही है। आज जो मार्च हो रहा है, वह स्थिति इस देश में कभी नहीं थी।
रिपोर्ट में किया गया है दावा
पाकिस्तान की मैगजीन फ्राइडे टाइम्स ने दावा किया है कि देश में राजनीतिक हालात ने यह आशंका बढ़ा दी है कि आने वाले दिनों में देश में छह महीने के लिए मार्शल लॉ लगाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व पीएम इमरान खान अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पाए और महंगाई की वजह से उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया। लेकिन अभी भी हालात में सुधार होने की स्थिति नहीं है।
इसके बाद पाकिस्तान में आई बाढ़ ने हालात और खराब कर दिए। देश अब बेहद नाजुक स्थिति में है और इमरान आजादी मार्च के जरिए सरकार को चुनौती दे रहे हैं। मैगजीन के मुताबिक इस मार्च की वजह से देश में अशांति बढ़ सकती है और फिर सेना को दखल देना होगा।
चोरों का साथ दे रही है सेना
इमरान पहले भी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी चाहती है कि पाकिस्तानी सेना मजबूत हो। भले ही वह सेना की आलोचना करते हों, लेकिन उनका इरादा उसे नुकसान पहुंचाने का नहीं है। इमरान की मानें तो सेना के खिलाफ उनकी आलोचना सकारात्मक थी। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि सेना मजबूत हो। हमें एक मजबूत सेना की जरूरत है। मेरी रचनात्मक आलोचना उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है।
खान ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें गलत समझा जा रहा था, जब सरकार ने उनके सैन्य विरोधी रुख के लिए उनकी आलोचना की थी। इमरान खान के मुताबिक अगर सेना को लगता है कि उसे सत्ता में बैठे चोरों का साथ देना चाहिए तो उन्हें इस बात का बेहद अफसोस है। इमरान की मानें तो देश भी सेना के इस कदम का समर्थन नहीं कर सकता है।
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